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Director

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आचार्य आशुकवि पंकज उमर

निदेशक संदेश-

प्रिय छात्रो,अभिवावकों एवं अध्यापकवृन्द
संस्थान की ओर से मैं,आचार्य आशुकवि पंकज उमर आपका स्वागत करता हूँ।

विद्यालय वह स्थान है जहाँ हम किशोरावस्था में जीवन मूल्यों की श्रेष्ठता के लिए अनुष्ठान करते हैं और छात्रों को सामाजिक दायित्व, मानव मूल्यों तथा वातावरण के प्रति संवेदनशील वयस्कों के रुप में रुपांतरित करने का प्रयास करते हैं।

किन्तु वर्तमान समय मे नैतिक मूल्यों जिस तरह पतन हो रहा है और मानवता जिस घनी पीड़ा से कराह रही है वो मनुष्य की शिक्षा व्यवस्था पर बुनियादी प्रश्न पूछने पर विवश है और भारत के संदर्भ में यह इसलिए दुःखद है क्योंकि शिक्षा का अग्रदूत देश ही मूल्यों के स्तर पर सबसे दयनीय स्थिति में आकर खड़ा है।

भारत ध्यानी-ज्ञानियों का देश रहा है। यहां ज्ञान का निर्झर सदियों से अनवरत है। उसके बाद से दुनिया के लोगों ने हमारी संस्कृति के मूल्यों को अपनाना शुरू कर दिया। हमारी पहचान हमारी सभ्यता और संस्कृति है जिसके मूल में विज्ञान है तो आत्म तत्व में पूरा ब्रह्माण्ड समाहित है। हमें मानवीय मूल्यों पर चिंतन-मनन करते हुए उन्हें व्यावहारिक जीवन में उनकी पुनर्स्थापना का महता प्रयास करना है। श्रेष्ठ मानव, श्रेष्ठ अध्येता बनना है तथा सफलता के नए शिखरों पर पहुंचना है तो पुरातन मूल्यों को साथ लेकर चलना होगा।

हमें अपने छात्रों को मात्र उच्च कोटि के वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीविद् और चिंतनशील सामाजिक नेतृत्वकर्ता के रुप में प्रशिक्षित करने के लिए ही प्रयास नहीं करना है बल्कि वे अपने आप को एक बेहतर इंसान के रुप में ढालें, इसमें भी उनकी सहायता करनी है।

संस्था अपने इस उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है।


निदेशक
आचार्य आशुकवि पंकज उमर